Murali Sreeshankar Biography: ओलंपिक खिलाड़ी जिसकी चर्चा दुनिया भर में है।

Pankaj Pandey
12 Min Read

Murali sreeshankar biography in hindi: मुरली श्रीशंकर (Murali Sreeshankar) एक ऐसा नाम है जिसने हाल ही में खेल जगत में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। यह वह शख्सियत है जिसने अपनी मेहनत और लगन के दम पर न सिर्फ खुद को साबित किया बल्कि पूरे देश का नाम भी रोशन किया है। 

एक साधारण परिवार से निकलकर उन्होंने अपनी प्रतिभा के बल पर ओलंपिक जैसे महासमर में न सिर्फ हिस्सा लिया बल्कि वहां शानदार प्रदर्शन भी किया। मुरली श्रीशंकर का जीवन एक प्रेरणादायक कहानी है जो हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है। उनका संघर्ष, उनकी मेहनत और उनका जज्बा हर किसी को प्रेरित करता है। एक ऐसे देश में जहां खेल को करियर के रूप में अपनाना आसान नहीं है, वहां मुरली श्रीशंकर ने अपनी प्रतिभा और परिश्रम से यह साबित कर दिया है कि अगर इरादे बुलंद हों तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। तो आइए जानते हैं, मुरली श्रीशंकर के उस सफर के बारे में जिसने उन्हें भारत का गौरव बना दिया। उनके बचपन से लेकर ओलंपिक तक के सफर की कहानी, उनके संघर्ष और मेहनत की दास्तां। साथ ही उनकी उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं के बारे में भी विस्तार से चर्चा करेंगे। 

यह आलेख आपको मुरली श्रीशंकर की उस दुनिया में ले जाएगा जो शायद आप नहीं जानते होंगे। तो तैयार हो जाइए एक रोमांचक और प्रेरणादायक यात्रा के लिए।

Murali Sreeshankar Biography in Hindi

टॉपिकMurali Sreeshankar Biography
भाषा2024
लेख प्रकारआर्टिकल
वर्षहिंदी
नाममुरली श्रीशंकर
जन्म27 मार्च 1999
जन्म स्थानपलक्कड (केरल)
आयु25 वर्ष
कार्यलंबी कूद के खिलाड़ी 
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मुरली श्रीशंकर कौन हैं? (Who is Murali Sreeshankar?)

मुरली श्रीशंकर (Murali Sreeshankar) एक भारतीय लंबी कूद एथलीट हैं, जिन्होंने ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उनका जन्म 27 मार्च 1999 को हुआ था। मुरली ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उन्होंने 2021 में फेडरेशन कप में 8.26 मीटर की छलांग लगाकर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। टोक्यो 2020 ओलंपिक में, उन्होंने भारतीय एथलेटिक्स में उम्मीदें जगाईं। श्रीशंकर का कोचिंग और प्रशिक्षण उनकी मां, के.एस.बिजिमोल और उनके पिता, एस मुरली द्वारा किया गया है, जो स्वयं भी एथलीट रह चुके हैं। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें भारतीय खेल जगत में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।

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मुरली श्रीशंकर का जीवन परिचय (Biography of Murali Sreeshankar)

मुरली श्रीशंकर (Murali Sreeshankar) का जन्म 27 मार्च 1999 को केरल, भारत में हुआ था। उनका पूरा नाम मुरली श्रीशंकर पिल्लई है। वे भारतीय लंबी कूद के उभरते हुए सितारे हैं, जिन्होंने कम उम्र में ही राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है।

श्रीशंकर (Murali Sreeshankar) का परिवार खेलों से जुड़ा हुआ है। उनके पिता एस मुरली एक पूर्व ट्रिपल जंप एथलीट हैं और उनकी मां बीएच श्यामल एक पूर्व 800 मीटर धाविका रही हैं। अपने माता-पिता से प्रेरित होकर श्रीशंकर ने भी एथलेटिक्स में अपना करियर बनाने का निर्णय लिया। शुरू में वे एक धावक थे, लेकिन बाद में लंबी कूद में अपनी विशेष रुचि और क्षमता को पहचाना।

श्रीशंकर की प्रारंभिक शिक्षा और प्रशिक्षण केरल में ही हुआ। उन्होंने कोच टीपी ओसियन और अपने माता-पिता की देखरेख में प्रशिक्षण लिया। 2017 में, उन्होंने जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में 7.99 मीटर की छलांग लगाकर नया रिकॉर्ड बनाया। यह उनके करियर का महत्वपूर्ण मोड़ था, जिससे उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। 2018 में, उन्होंने फेडरेशन कप में 7.99 मीटर की छलांग लगाकर गोल्ड मेडल जीता। इसी साल, एशियाई खेलों में, उन्होंने 8.11 मीटर की छलांग लगाकर राष्ट्रीय रिकॉर्ड स्थापित किया, हालांकि इस छलांग को बाद में हवा की अनुकूल परिस्थितियों के कारण अस्वीकृत कर दिया गया।

2019 में, एक पैर की चोट के कारण श्रीशंकर (Murali Sreeshankar) को अपने करियर में एक ठहराव का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और कठिन परिश्रम से वापसी की। 2021 में, फेडरेशन कप में, उन्होंने 8.26 मीटर की छलांग लगाकर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड स्थापित किया, जो भारतीय एथलेटिक्स के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। 

टोक्यो 2020 ओलंपिक में, मुरली श्रीशंकर ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। हालांकि वे पदक जीतने में असफल रहे, लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से सभी का ध्यान आकर्षित किया और भविष्य के लिए उम्मीदें जगाईं। उनकी मेहनत, समर्पण और दृढ़ संकल्प ने उन्हें भारतीय खेल जगत में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।

मुरली श्रीशंकर का जीवन और करियर एक प्रेरणा है कि कैसे कठिन परिश्रम, अनुशासन और परिवार के समर्थन से कोई भी असंभव को संभव बना सकता है। वे युवा एथलीटों के लिए एक आदर्श हैं और आने वाले वर्षों में उनके और भी शानदार प्रदर्शन की उम्मीद है।

मुरली श्रीशंकर विकिपीडिया (Murali Sreeshankar Wikipedia)

मुरली श्रीशंकर (जन्म 27 मार्च 1999) एक भारतीय एथलीट हैं जो लंबी कूद स्पर्धा में भाग लेते हैं। उन्होंने 2022 में 8.36 मीटर का राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। 

मार्च 2018 में, श्रीशंकर ने पटियाला में फेडरेशन कप में 7.99 मीटर की छलांग लगाई । उन्हें २०१८ के राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भारतीय दल में नामित किया गया था, लेकिन अप्रैल के आयोजन से १० दिन पहले एपेंडिसाइटिस का पता चलने के बाद उन्हें बाहर होना पड़ा। एक आपातकालीन अपेंडिक्स सर्जरी के बाद, उन्हें एक तरल आहार पर रखा गया था , जिसके परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण वजन कम हो गया और ठीक से चलने में असमर्थता हुई। दो महीने बाद, उन्होंने बीमारी से पहले “कम ताकत, गति और फोकस” होने के बावजूद गिफू में २०१८ एशियाई जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लिया और ७.४७ मीटर की छलांग के साथ कांस्य जीता। जकार्ता में २०१८ एशियाई खेलों में , उन्होंने “रन-अप मुद्दों से संघर्ष किया” 2022 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में , उन्होंने फाइनल राउंड के लिए क्वालीफाई किया और 7.96 मीटर की छलांग के साथ सातवें स्थान पर रहे। 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में , उन्होंने 8.08 मीटर की छलांग के साथ रजत पदक जीता और खेलों में रजत पदक जीतने वाले भारत के पहले पुरुष लंबी कूद खिलाड़ी बन गए। 2022 तक, वह केवल तीन भारतीय एथलीटों में से एक थे जिन्होंने डायमंड लीग मीट में शीर्ष 3 में जगह बनाई थी। 

मुरली श्रीशंकर का परिवार (Murali Sri Shankar’s family)

खेलों में उनकी सफलता का एक महत्वपूर्ण आधार रहा है। उनके पिता, एस मुरली, एक पूर्व ट्रिपल जंप एथलीट हैं और उनकी मां, के.एस.बिजिमोल, एक पूर्व 800 मीटर धाविका रही हैं। उनके माता-पिता दोनों ही एथलेटिक्स में सक्रिय रहे हैं और उन्होंने अपने अनुभव और ज्ञान से मुरली को प्रशिक्षित और प्रेरित किया है। 

श्रीशंकर (Murali Sreeshankar) का परिवार कोच्चि, केरल में रहता है, और खेलों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और समर्थन ने मुरली को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया है। उनके माता-पिता का मार्गदर्शन और समर्थन उनके करियर में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे मुरली ने कठिनाइयों का सामना करते हुए भी ऊंचाइयों को छुआ है।

मुरली श्रीशंकर की प्रारंभिक शिक्षा (Murali Sri Shankar’s early education)

मुरली श्रीशंकर (Murali Sreeshankar) की प्रारंभिक शिक्षा केरल में हुई। उन्होंने अपने स्कूली शिक्षा के दौरान ही खेलों में रुचि दिखाना शुरू कर दिया था। मुरली का शैक्षिक और खेल दोनों ही क्षेत्रों में संतुलन बनाना उनके माता-पिता के सहयोग से संभव हुआ। उनके पिता एस मुरली और मां बीएच श्यामल, जो खुद भी एथलीट रहे हैं, ने मुरली को खेलों के प्रति प्रेरित किया और मार्गदर्शन दिया। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पैट्रिक स्कूल, पलक्कड़, केरल से पूरी की। स्कूली शिक्षा के साथ-साथ उन्होंने एथलेटिक्स में भी अपनी क्षमताओं को निखारा। कोच टीपी ओसियन के साथ प्रशिक्षण लेते हुए मुरली ने अपने एथलेटिक कौशल को और भी संवारने का काम किया। 

श्रीशंकर की शिक्षा और प्रशिक्षण का यह संगम उनके भविष्य के एथलेटिक करियर की नींव बना, जिससे उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफलताएं मिलीं।

निष्कर्ष: 

मुरली श्रीशंकर (Murali Sreeshankar) की कहानी एक प्रेरणा है कि कैसे समर्पण, अनुशासन, और पारिवारिक समर्थन से महानता प्राप्त की जा सकती है। उनके अद्वितीय प्रदर्शन ने भारतीय एथलेटिक्स को एक नई ऊंचाई दी है और वे युवा एथलीटों के लिए एक आदर्श बन चुके हैं।

Frequently Asked Questions 

मुरली श्रीशंकर का जन्म कब और कहाँ हुआ था? 

मुरली श्रीशंकर (Murali Sreeshankar) का जन्म 27 मार्च 1999 को केरल के पलक्कड़ में हुआ था। उनके पिता एस मुरली एक पूर्व ट्रिपल जम्पर और रेलवे कर्मचारी हैं, जबकि उनकी माता केएस बिजिमोल एक पूर्व 800 मीटर धाविका हैं। मुरली बचपन से ही अपने माता-पिता के साथ खेल गतिविधियों में भाग लेते आ रहे हैं।

मुरली श्रीशंकर ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय पदक कब और कहाँ जीता? 

मुरली श्रीशंकर (Murali Sreeshankar) ने वर्ष 2018 में जापान के गिफू में आयोजित जूनियर एशियाई चैंपियनशिप में 7.47 मीटर की लंबी कूद में कांस्य पदक जीता था। यह उनका पहला अंतरराष्ट्रीय पदक था। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन मार्च 2018 में फेडरेशन कप में आया जब उन्होंने 7.99 मीटर की छलांग लगाई।

मुरली श्रीशंकर ने कौन सा राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा और कब? 

मुरली श्रीशंकर (Murali Sreeshankar) ने 16 मार्च 2021 को पंजाब के पटियाला में आयोजित फेडरेशन कप (सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप) में 8.26 मीटर की छलांग लगाकर अपने ही 8.20 मीटर के पिछले राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ा। इसी के साथ उन्होंने 2021 टोक्यो ओलंपिक के लिए भी क्वालीफाई कर लिया।

मुरली श्रीशंकर 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में कौन सा पदक जीतने में सफल रहे? 

2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में मुरली श्रीशंकर ने पुरुषों की लंबी कूद स्पर्धा के फाइनल में 8.08 मीटर की छलांग के साथ रजत पदक जीता। इसी के साथ वह राष्ट्रमंडल खेलों के इतिहास में लॉन्ग जंप इवेंट में भारत के लिए रजत पदक जीतने वाले पहले पुरुष एथलीट बन गए।

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दोस्तों मेरा नाम पंकज पांडे है। में एक आर्ट्स का स्टूडेंट हूँ। मेने मेरे पिताजी से एस्ट्रोलॉजी, भविष्यवाणी जैसी चीजे सीखी है। और इस न्यूज़ वेबसाइट पर में राशिफल और वास्तु शास्त्र से जुड़े आर्टिकल लिखता हूँ। मुझे इस तरह की जानकारी लोगों के साथ शेयर करना काफी अच्छा लगता है।

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