Antim Panghal Biography in Hindi: भारत की धरती ने समय-समय पर ऐसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को जन्म दिया है जिन्होंने अपने खेल कौशल और कड़ी मेहनत से न सिर्फ देश का नाम रोशन किया बल्कि युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत भी बने। ऐसी ही एक उभरती हुई स्टार हैं अंतिम पंघाल, जिन्होंने अपनी कम उम्र में ही कुश्ती जगत में अपना लोहा मनवा लिया है।
महज 19 साल की उम्र में अंतिम ने जिस तरह के शानदार प्रदर्शन का परिचय दिया है, उससे यह साफ है कि भविष्य में यह लड़की कुश्ती के मैदान में और भी बड़े-बड़े कारनामे करने वाली है। हरियाणा के एक छोटे से गांव भगाना में जन्मीं अंतिम को बचपन से ही कुश्ती का शौक था। उनके पिता राम निवास जो खुद एक पहलवान रह चुके हैं, ने अंतिम को कुश्ती के गुर सिखाए। अंतिम ने अपने पिता और कोच की देखरेख में कड़ी मेहनत की और धीरे-धीरे कुश्ती के मैदान में अपनी धाक जमाना शुरू कर दिया। साल 2021 में जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर अंतिम ने अपने करियर की शानदार शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक सफलताओं के झंडे गाड़ती चली गईं। वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप 2023 में अंतिम ने एक बार फिर अपना जौहर दिखाया और कांस्य पदक जीतकर न सिर्फ भारत का मान बढ़ाया बल्कि पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए कोटा भी हासिल कर लिया। वह ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई हैं। कुल मिलाकर अंतिम पंघाल का सफर लोगों को यह संदेश देता है कि मेहनत और लगन के दम पर कोई भी अपने सपनों को पूरा कर सकता है। आने वाले समय में अंतिम से देश को और भी बड़ी उपलब्धियों की उम्मीद है।
आज के विशेष लेख के जरिए हैं आपसे अंतिम पंघाल के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे हम आपको इनके प्रारंभिक जीवन उनकी शिक्षा करियर और उनकी उपलब्धि के बारे में बताएंगे इसीलिए हमारे इस लेख में अंत तक बने रहिए।
Antim Panghal Biography in Hindi
नाम | अंतिम पंघाल |
आयु | 19 वर्ष |
पिता का नाम | राम निवास पंघाल |
माता का नाम | कृष्णा कुमारी |
जन्म | 31 अगस्त 2004 |
जन्म स्थान | भगाना गांव , हरियाणा |
शिक्षा | जानकारी उपलब्ध नहीं |
कार्य | पहलवान |
पुरस्कार | अर्जुन अवॉर्ड |
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अंतिम पंघाल कौन हैं? (Who is the Antim Panghal?)
अंतिम पंघाल (Antim Panghal) हरियाणा के हिसार जिले के भगाना गांव की रहने वाली एक उभरती हुई भारतीय महिला पहलवान हैं। 19 साल की अंतिम ने हाल ही में 2023 एशियन गेम्स में महिलाओं के 53 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में कांस्य पदक जीता। इससे पहले वह लगातार दो बार अंडर-20 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं।
अंतिम पंघाल की प्रारंभिक जीवन और शिक्षा (Early life and education of the last Panghal)
अंतिम पंघाल (Antim Panghal) एक उभरती हुई भारतीय महिला पहलवान हैं, जिन्होंने हाल के वर्षों में कुश्ती जगत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। अंतिम का जन्म 31 अगस्त 2004 को हरियाणा के हिसार जिले के भगाना गांव में हुआ था। वह राम निवास पंघाल और कृष्णा कुमारी की पांच संतानों में से दूसरी हैं।
माता-पिता ने हमेशा उनके सपनों और आकांक्षाओं का समर्थन किया है। अंतिम के पिता राम निवास एक बेटे की चाह रखते थे, लेकिन जब उनकी चौथी बेटी का जन्म हुआ, तो उन्होंने इसे भाग्य के रूप में स्वीकार किया। अंतिम की कुश्ती में रुचि 10 साल की उम्र में शुरू हुई जब उनकी बड़ी बहन सरिता उन्हें कुश्ती प्रशिक्षण के लिए हिसार के महावीर स्टेडियम ले गईं। शुरुआत में, उनके पिता राम निवास उन्हें कुश्ती करने की अनुमति देने के लिए अनिच्छुक थे, लेकिन बाद में उन्होंने अंतिम के निरंतर प्रयासों के कारण इसकी अनुमति दे दी। अंतिम के पिता ने उन्हें सर्वोत्तम संभव पोषण और देखभाल प्रदान करके उनकी कुश्ती यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने गांव से ताजा दूध का इंतजाम किया और यह सुनिश्चित किया कि अंतिम और उनकी बहन को उनके प्रशिक्षण के लिए सर्वोत्तम संभव आहार मिले। अंतिम की बहन सरिता भी एक राष्ट्रीय स्तर की कबड्डी खिलाड़ी हैं, और दोनों बहनें एक साथ प्रशिक्षण के लिए हर दिन 20 किलोमीटर की यात्रा करती थीं। अंतिम का कुश्ती करियर उनके कोच रोशनी देवी के मार्गदर्शन में शुरू हुआ, जिन्होंने उनकी क्षमता को पहचाना और उन्हें कुश्ती करने के लिए प्रोत्साहित किया। अंतिम के परिवार ने उनकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और वे उनके कुश्ती करियर में उनका समर्थन करना जारी रखते हैं। अंतिम की कड़ी मेहनत और समर्पण का फल तब मिला जब उन्होंने एशियाई अंडर-20 चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने विश्व अंडर-17 चैंपियनशिप में कांस्य पदक और एशियाई अंडर-23 चैंपियनशिप में रजत पदक भी जीता। 17 साल की उम्र में, अंतिम ने जूनियर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।
अंतिम पंघाल का परिवार (Antim Panghal Family)
अंतिम पंघाल (Antim Panghal) हरियाणा (Haryana) के हिसार जिले के भगाना गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता का नाम रामनिवास पंघल और माता का नाम कृष्णा कुमारी है। अंतिम अपने परिवार की चौथी और सबसे छोटी बेटी हैं।
माता-पिता ने तीन बेटियों के बाद बेटे की चाहत में अंतिम का नाम इसी आशा में रखा था कि वह आखिरी संतान होंगी। लेकिन उनके जन्म के बाद भी पिता ने अपनी बेटियों को पूरा सपोर्ट किया। अंतिम की बड़ी बहन सरिता राष्ट्रीय स्तर की कबड्डी खिलाड़ी हैं। उन्हीं को देखकर 10 साल की उम्र में अंतिम ने भी रेसलिंग में रुचि लेना शुरू किया। अंतिम और सरिता दोनों हिसार के महावीर स्टेडियम में प्रैक्टिस के लिए रोजाना 20 किलोमीटर दूर जाया करती थीं। उनके पिता दोनों बेटियों को ट्रेनिंग के लिए ले जाया करते थे। अंतिम के प्रदर्शन और उपलब्धियों ने उनके परिवार का नाम रोशन किया है। खेल में करियर बनाने के लिए अंतिम ने गांव भी छोड़ दिया था। उनके माता-पिता और बहन ने उनका हमेशा समर्थन किया और उनके सपनों को पूरा करने में मदद की।
अंतिम पंघाल का करियर (Antim Panghal’s career)
अंतिम पंघाल (Antim Panghal) एक उभरती हुई भारतीय महिला पहलवान हैं जिन्होंने अपने युवा करियर में ही कई उपलब्धियां हासिल की हैं। उनके प्रमुख करियर हाइलाइट्स इस प्रकार हैं:
- सितंबर 2023 में सर्बिया के बेलग्रेड में आयोजित विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में 53 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीतकर अंतिम ने इतिहास रच दिया। उन्होंने कांस्य पदक मुकाबले में यूरोप की जोना माल्मग्रेन को 16-6 से हराया। इस जीत के साथ ही उन्होंने 2024 पेरिस ओलंपिक का कोटा भी हासिल किया।
- अंतिम इस चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली छठी भारतीय महिला पहलवान बनीं। उनसे पहले गीता फोगाट (2012), बबीता फोगाट (2012), पूजा ढांडा (2018), विनेश फोगाट (2019) और अंशु मलिक ने विश्व चैंपियनशिप में भारत के लिए पदक जीते हैं।
- अंतिम ने अपने सीनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप डेब्यू में ही यह कारनामा कर दिखाया। वे अभी मात्र 19 वर्ष की हैं।
- वे विश्व चैंपियनशिप में भारत के लिए 23वां पदक जीतने वाली पहलवान बनीं। इस टूर्नामेंट में अब तक भारत ने 5 स्वर्ण और 17 कांस्य पदक जीते हैं।
- अंतिम ने इस जीत के साथ 2024 पेरिस ओलंपिक में भारत का पहला महिला कुश्ती कोटा हासिल किया। वे ओलंपिक कोटा पाने वाली पहली भारतीय पहलवान बनीं।
- 19 वर्षीय युवा पहलवान अंतिम ने सीनियर स्तर पर शानदार प्रदर्शन करते हुए अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। उनसे भविष्य में और भी बड़ी उपलब्धियों की उम्मीद की जा रही है।
अंतिम पंघाल (Antim Panghal) ने कम उम्र में ही विश्व स्तर पर अपना परचम लहराया है। उनका सफर अभी शुरू ही हुआ है और आने वाले समय में वे भारतीय कुश्ती जगत के लिए एक बड़ा नाम साबित हो सकती हैं। 2024 पेरिस ओलंपिक में उनसे पदक की उम्मीद लगाई जा रही है।
अन्तिम पंघाल की उपलब्धियां (Achievements of Antim Panghal)
अंतिम पंघाल (Antim Panghal) की पांच प्रमुख उपलब्धियां:
- 2023 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में अंतिम पंघाल ने 53 किग्रा वर्ग में भारत का पहला पेरिस ओलंपिक 2024 कोटा हासिल किया।
- 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में अंतिम पंघाल ने महिलाओं की 53 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने फाइनल में कनाडा की मैडिसन पार्क्स को 7-3 से हराया।
- 2021 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के 53 किग्रा वर्ग में अंतिम पंघाल ने रजत पदक जीता। फाइनल में उन्हें जापान की अकारी फुजिनामी ने हराया।
- 2019 एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में अंतिम पंघाल ने 53 किग्रा फ्रीस्टाइल में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने फाइनल में कजाकिस्तान की झुल्दिज़ एशीमोवा को हराया।
- 2018 विश्व जूनियर कुश्ती चैंपियनशिप में अंतिम पंघाल ने 53 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता था। यह उनका पहला अंतरराष्ट्रीय पदक था।
अंतिम पंघाल (Antim Panghal) की इन उपलब्धियों ने उन्हें भारत की एक प्रमुख महिला पहलवान के रूप में स्थापित किया है। उनकी पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए क्वालीफाई करने की उपलब्धि ने भारतीय कुश्ती में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया।
अन्तिम पंघाल के रोचक तथ्य (Interesting facts about Antim Panghal)
- ओलंपिक कोटा प्राप्ति: अंतिम पंघाल ने कांस्य पदक जीतने के साथ ही पेरिस 2024 ओलंपिक के लिए कोटा हासिल किया, यह उनका पहला ओलंपिक खेल होगा।
- वर्ल्ड चैंपियनशिप पर शानदार प्रदर्शन: पंघाल ने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीता।
- सर्बिया के बेलग्रेड में कांस्य पदक: उन्होंने सर्बिया के बेलग्रेड में आयोजित टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता।
- भारतीय कुश्ती टीम का हिस्सा: पंघाल, भारतीय कुश्ती टीम के अनिवार्य हिस्से के रूप में स्थापित हुए हैं।
- गूढ़ संघर्षशीलता: अंतिम पंघाल की कठिनाईयों से लड़ने और उनके सपनों को साकार करने की इच्छा उनकी संघर्षशीलता को दर्शाती है।
निष्कर्ष
अंतिम पंघाल (Antim Panghal) की उपलब्धियों ने न केवल उनके परिवार और गाँव को गौरवान्वित किया है, बल्कि पूरे देश को भी। उन्होंने हाल ही में वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर एक और उपलब्धि अपने नाम की है और 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए कोटा भी हासिल किया है। अंतिम की सफलता से ग्रामीण भारत की लड़कियों को अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरणा मिलेगी। उनकी कहानी बताती है कि सही मार्गदर्शन, समर्थन और अवसर मिलने पर हर लड़की अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकती है।
Frequently Asked Questions
अंतिम पंघाल ने 2023 के एशियाई खेलों में महिलाओं के 53 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता था।
अंतिम पंघाल ने बुडापेस्ट रैंकिंग सीरीज 2024 के सेमीफाइनल में पोलैंड की कतर्जिना क्रावचिक को 3-1 के स्कोर से हराया था।
अंतिम पंघाल ने 2023 की विश्व चैंपियनशिप में महिलाओं के 53 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता था।
अंतिम पंघाल ने बुडापेस्ट रैंकिंग सीरीज 2024 के क्वार्टरफाइनल में यूक्रेन की ओक्साना लिवाच को 3-1 के स्कोर से हराया था।
दोस्तों मेरा नाम पंकज पांडे है। में एक आर्ट्स का स्टूडेंट हूँ। मेने मेरे पिताजी से एस्ट्रोलॉजी, भविष्यवाणी जैसी चीजे सीखी है। और इस न्यूज़ वेबसाइट पर में राशिफल और वास्तु शास्त्र से जुड़े आर्टिकल लिखता हूँ। मुझे इस तरह की जानकारी लोगों के साथ शेयर करना काफी अच्छा लगता है।