Tilottama Sen Biography in Hindi: पेरिस 2024 ओलंपिक (Paris Olympic 2024) के लिए भारत की शूटिंग सनसनी तिलोत्तमा सेन ने क्वालीफाई कर लिया है। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, क्योंकि तिलोत्तमा महिला 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली महिला बन गई हैं। तिलोत्तमा का सफर आसान नहीं रहा। उन्होंने कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ इस मुकाम तक पहुंचने के लिए वर्षों तक अभ्यास किया है। लेकिन उनकी यात्रा सिर्फ एक एथलीट की कहानी नहीं है। यह एक ऐसी कहानी है जो हर भारतीय को प्रेरित करेगी, विशेषकर युवा लड़कियों को, जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रही हैं। तिलोत्तमा की सफलता हमें यह याद दिलाती है कि हमारे देश में प्रतिभा की कमी नहीं है। बस जरूरत है उन्हें सही मंच और समर्थन देने की। पेरिस 2024 में तिलोत्तमा के प्रदर्शन पर पूरे देश की निगाहें टिकी होंगी। लेकिन चाहे वह पदक जीतें या नहीं, वह पहले से ही लाखों लोगों के लिए एक प्रेरणा बन चुकी हैं।
तो आइए, इस लेख में हम आगे बढ़ते है और तिलोत्तमा सेन का जीवन परिचय (Tilottama Sen Biography in Hindi) के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं…
तिलोत्तमा सेन का जीवन परिचय
नाम | तिलोत्तमा सेन |
आयु | 16 वर्ष |
पिता का नाम | सुजीत सेन |
माता का नाम | नंदिता सेन |
जन्म | 25 अप्रैल 2008 |
जन्म स्थान | बेंगलुरु, कर्नाटक (भारत) |
कार्य | भारतीय निशानेबाज खिलाड़ी |
पुरस्कार | अक्टूबर 2022 में काहिरा में विश्व चैंपियनशिप में महिला जूनियर वर्ग में स्वर्ण पदक |
राशि चिन्ह | वृषभ |
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तिलोत्तमा सेन कौन हैं? (Who is Tilottama Sen?)
तिलोत्तमा सेन (Tilottama Sen), 25 अप्रैल 2008 को बैंगलोर में जन्मी, भारतीय खेल निशानेबाजी में एक उभरता सितारा हैं। 2023 में, उन्होंने दक्षिण कोरिया के चांगवोन में आयोजित एशियाई शूटिंग चैम्पियनशिप में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में रजत पदक जीता। इस शानदार उपलब्धि ने उन्हें पेरिस ओलंपिक के लिए कोटा स्थान दिलाया। उनकी यह सफलता न केवल उनकी मेहनत और समर्पण का प्रतीक है, बल्कि भारतीय निशानेबाजी के उज्ज्वल भविष्य की भी एक झलक है। तिलोत्तमा की यह यात्रा देश के युवा निशानेबाजों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
तिलोत्तमा सेन का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा (Early life and Education of Tilottama Sen)
तिलोत्तमा सेन (Tilottama Sen) का परिवार कोलकाता से है, लेकिन वे बेंगलुरु में रहती हैं। उनके पिता सुजीत सेन और मां नंदिता ने उनकी प्रेरणा और समर्थन के साथ उन्हें खेल में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया है।
उन्होंने ब्लूबेल पब्लिक स्कूल, बैंगलोर में कक्षा 9 में अध्ययन शुरू किया है। शुरुआत में वॉलीबॉल और कराटे में रूचि रखते हुए, उन्होंने बाद में शूटिंग में ध्यान देने का फैसला किया, जिसे ओलंपिक चैंपियन अभिनव बिंद्रा के उपकरणों ने प्रेरित किया। उनके पिता को उनके खेल के सामर्थ्य को समझने में थोड़ी मेहनत करनी पड़ी, और उन्होंने अपनी भविष्य निधि और सेवानिवृत्ति बचत का उपयोग करके उन्हें उनके उपकरण खरीदने में मदद की। लेकिन बाद में रिलायंस फाउंडेशन और TOPS कार्यक्रम ने उन्हें समर्थन प्रदान किया, जिसने उनकी शूटिंग करियर को आगे बढ़ाने में मदद की। वे अभ्यास कर रही हैं बेंगलुरु के केंगेरी में भारतीय खेल प्राधिकरण (दक्षिण केंद्र) में और हॉकआई राइफल शूटिंग अकादमी में, जहां उनकी योग्यताओं को पूरा करने के लिए विशेष तौर पर तैयारी की जा रही है।
तिलोत्तमा सेन का करियर (Career of Tilottama Sen)
फरवरी 2020 में, तिलोत्तमा सेन (Tilottama Sen) ने प्रसिद्ध कोच शरणेंद्र के.वी. के मार्गदर्शन में बैंगलोर में हॉकी स्पोर्ट्स राइफल और पिस्टल शूटिंग अकादमी में एक प्रेरणादायक यात्रा शुरू की।
2022 से मई 2023 तक, उन्होंने राकेश मनपथ के तहत अपने कौशल को निखारा और अपूर्वी चंदेला से प्रेरणा ली। 2022 में जर्मनी में अपने पहले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए वित्तीय चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, वह मैनपाट के प्रोत्साहन से समर्थित रहीं। अकादमी में लौटकर, उन्होंने 2024 ओलंपिक के लिए अपना कठोर प्रशिक्षण जारी रखा। उनकी उपलब्धियाँ बहुत कुछ कहती हैं: अक्टूबर 2022 में काहिरा में जूनियर महिला विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतना और अगले महीने दक्षिण कोरिया के डेगू में एशियाई एयरगन चैम्पियनशिप में व्यक्तिगत और टीम स्पर्धाओं में दो स्वर्ण पदक जीतना। मार्च 2023 में, तकनीकी असफलताओं के बावजूद, उन्होंने काहिरा में आईएसएसएफ विश्व कप में राइफल शूटिंग में रजत पदक हासिल किया, जिससे पेरिस 2024 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भारत का स्थान पक्का हो गया। उनकी यात्रा लचीलेपन और दृढ़ संकल्प का उदाहरण देती है, जो वैश्विक मंच पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
तिलोत्तमा सेन की प्रमुख उपलब्धियां (Major achievements of Tilottama Sen)
तिलोत्तमा सेन (Tilottama Sen) की पांच प्रमुख उपलब्धियां कुछ इस प्रकार हैं:
- 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया।
- 2021 में एक राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में 400 में से 400 अंक हासिल किए।
- 2022 में राष्ट्रीय खेलों में रजत पदक जीता।
- 2021 में अपनी पूर्व-राष्ट्रीय दक्षिण क्षेत्र प्रतियोगिता में 400 में से 398 अंक हासिल किए।
तिलोत्तमा सेन के बारे में रोचक तथ्य (Interesting facts about Tilottama Sen)
तिलोत्तमा सेन (Tilottama Sen), जो महज 15 साल की उम्र में 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकी हैं, उनके बारे में पांच रोचक तथ्य इस प्रकार हैं:
- निशानेबाज़ी की शुरुआत एक शगल से: तिलोत्तमा ने सिर्फ़ तीन साल पहले कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान निशानेबाज़ी शुरू की थी। उन्होंने एक पारिवारिक समारोह में गुब्बारे फोड़ने की प्रतियोगिता में भाग लिया था, जो उनके पिता की फर्म द्वारा आयोजित किया गया था। उन्होंने वह प्रतियोगिता जीती, लेकिन तब यह सब मज़ाक में था।
- लॉकडाउन ने जगाया जुनून: जब उनके पिता उन्हें लॉकडाउन के दौरान बेंगलुरु के एक शूटिंग रेंज में ले गए, तो उन्हें यह दिलचस्प लगा। हालांकि शुरुआत में वह इसके प्रति बहुत गंभीर नहीं थीं, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने अपने कौशल में सुधार देखा और निशानेबाज़ी उनका जुनून बन गई।
- ओलंपियन से प्रेरणा: छह महीने के प्रशिक्षण के बाद, तिलोत्तमा ने ओलंपियन अपूर्वी चंदेला का एक साक्षात्कार देखा। इससे प्रेरित होकर वह बेंगलुरु के कोच राकेश के संपर्क में आईं, जिन्होंने उनके कौशल को निखारने में मदद की।
- उपकरणों पर भारी निवेश: तिलोत्तमा (Tilottama Sen) के पिता सुजीत को अपनी बेटी के उपकरणों में निवेश करने के लिए अपनी भविष्य निधि और सेवानिवृत्ति की बचत में सेंध लगानी पड़ी। केवल राइफल की ही कीमत ₹2.65 लाख के करीब थी। इसके अलावा नई किट और अन्य खर्च भी थे।
- विफलताओं से सीख: तिलोत्तमा की यात्रा केवल जीत के बारे में नहीं है। अपने पहले राष्ट्रीय टूर्नामेंट में वह 63वें स्थान पर रहीं और पहले अंतरराष्ट्रीय जूनियर विश्व कप में 43वें स्थान पर। लेकिन इन असफलताओं से उन्होंने सीख ली और आगे बढ़ीं। उनका अंतिम लक्ष्य पेरिस ओलंपिक 2024 में अच्छा प्रदर्शन करना है।
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निष्कर्ष
तिलोत्तमा सेन (Tilottama Sen) की 2024 पेरिस ओलंपिक्स की यात्रा उनके निशानेबाजी के प्रति समर्पण और जुनून का प्रतीक है। अनेक चुनौतियों के बावजूद, उन्होंने अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित किया है, ओलंपिक्स में शानदार प्रदर्शन करने का। अपने अदम्य संकल्प और परिवार और कोचों से मिलने वाले समर्थन के साथ, तिलोत्तमा अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत का गर्व करने के लिए तैयार हैं।
Frequently Asked Questions
तिलोत्तमा सेन की राइफल की कीमत अकेले ₹2.65 लाख थी। इसके अलावा, नई किट और गोलियों के लिए अतिरिक्त खर्च भी थे।
तिलोत्तमा सेन ने अपने पहले राज्य मीट में 400 में से 396 स्कोर किए। उनकी इस प्रदर्शन ने उन्हें और भी अधिक शूटिंग के प्रति समर्पित करने के लिए प्रेरित किया।
तिलोत्तमा सेन का अंतिम लक्ष्य 2024 ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन करना है। उनकी यात्रा ने उन्हें संघर्ष की महत्वता और सफलता की ओर कठिनाईयों के बावजूद अग्रसर होने की प्रेरणा दी।
साथियों उम्मीद करते है की तिलोत्तमा सेन का जीवन परिचय (Tilottama Sen Biography in Hindi) के बारे में यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आयी है तो हमें कमेंट करके जरूर बताना।
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