Preeti Pawar Biography in Hindi: बॉक्सिंग रिंग में अपने दम-खम का प्रदर्शन करते हुए, प्रीति ने न सिर्फ कई पदक जीते बल्कि ओलंपिक 2024 के लिए भी क्वालीफाई कर लिया है। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार को गौरवान्वित किया है, बल्कि पूरे हरियाणा और देश को भी गर्व महसूस करवाया है। प्रीति की सफलता की कहानी बेहद प्रेरणादायक है। एक छोटे से कस्बे से निकलकर, उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से बड़े-बड़े मुकाम हासिल किए हैं। उन्होंने साबित कर दिया है कि अगर हौसले बुलंद हों तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। प्रीति की जिंदगी का सफर, उनके संघर्ष और जीत की कहानी हर किसी को प्रेरित करती है। इस लेख में हम प्रीति पवार का जीवन परिचय (Biography of Preeti Pawar ) जानने वाले है, जो उन्हें एक असाधारण खिलाड़ी और प्रेरणास्पद व्यक्तित्व बनता हैं। उनके बचपन से लेकर अब तक के सफर में कई ऐसे किस्से हैं जो हर किसी को झकझोर देंगे।
तो चलिए, प्रीति पवार की इस जीवनी में डूबते हैं और जानते हैं कि कैसे एक साधारण सी लड़की ने असाधारण मुकाम हासिल किया…
प्रीति पवार का जीवन परिचय
नाम | प्रीति पवार |
आयु | 20 वर्ष |
पिता का नाम | सोमबीर सिंह |
माता का नाम | मां शमीन देवी |
जन्म | 23 अक्टूबर 2003 |
जन्म स्थान | हरियाणा |
शिक्षा | बी.ए सेकंड ईयर की छात्रा |
कार्य | मुक्केबाजी |
पुरस्कार | स्वर्ण और रजत पदक |
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प्रीति पवार कौन हैं? (Who is Preeti Pawar?)
प्रीति पवार (Preeti Pawar) भारत (India) की एक प्रमुख महिला मुक्केबाज हैं जिन्होंने हाल ही में 2024 पेरिस ओलंपिक (2024 Paris Olympic) के लिए क्वालीफाई किया है। 54 किग्रा भार वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने वाली प्रीति ने एशियाई खेलों में अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर ओलंपिक का टिकट हासिल किया। वह निखत जरीन (50 किग्रा) और लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा) के साथ पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली भारतीय महिला मुक्केबाजों में शामिल हैं। प्रीति का लक्ष्य अब ओलंपिक में पदक जीतना है। प्रत्येक देश प्रति भार वर्ग में अधिकतम एक ही मुक्केबाजी कोटा हासिल कर सकता है। भारत के पास अब पेरिस ओलंपिक के लिए कुल छह मुक्केबाजी कोटा हैं, जिनमें अमित पंघाल (51 किग्रा), निशांत देव (71 किग्रा) और जैस्मिन लंबोरिया (57 किग्रा) भी शामिल हैं।
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प्रीति पवार की प्रारंभिक जीवन और शिक्षा (Preeti Pawar early life and education)
13 साल की उम्र में बॉक्सिंग की दुनिया में कदम रखने वाली प्रीति का जीवन उन सभी के लिए एक प्रेरणा है, जो छोटी-छोटी असफलताओं से हार मान लेते हैं। भिवानी की रहने वाली प्रीति ने अपने जीवन के संघर्षों से लड़ना सीख लिया है।
जब प्रीति (Preeti Pawar) ने बॉक्सिंग की शुरुआत की थी, तो उनका नाजुक शरीर बॉक्सिंग की कठोरताओं को सहन नहीं कर पा रहा था। दर्द के कारण उन्होंने बॉक्सिंग छोड़ने का फैसला किया। लेकिन कुछ समय बाद उन्हें महसूस हुआ कि यह खेल उतना भी कठिन नहीं है, जितना उन्होंने सोचा था। प्रीति ने अपने मनोबल को मजबूत किया और फिर न केवल उन्होंने दर्द को सहन करना सीख लिया, बल्कि अपने मेहनत के पथ से कभी विचलित नहीं हुईं। आज प्रीति पवार (Preeti Pawar) बीए सेकेंड ईयर की छात्रा हैं और उनकी फैमिली में वह पहली हैं जिन्होंने विदेशी धरती पर खेल का अनुभव किया है। प्रीति की मेहनत और समर्पण का फल मिला जब उन्होंने असम में आयोजित खेलो इंडिया में रजत पदक जीता। इसके बाद, 2021 में आयोजित यूथ नेशनल में 57 किलोग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर उन्होंने अपनी काबिलियत को साबित कर दिया। प्रीति की कहानी हमें सिखाती है कि सफलता के मार्ग में आने वाली कठिनाइयों से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि उन्हें पार कर अपनी मंजिल की ओर बढ़ते रहना चाहिए।
उन्होंने यह साबित कर दिया कि मानसिक शक्ति और दृढ़ संकल्प से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है। प्रीति ने न सिर्फ अपने दर्द पर विजय पाई, बल्कि अपनी मेहनत और लगन से अपने और अपने परिवार का नाम भी रोशन किया।
प्रीति पवार का परिवार और शादी (Preeti Pawar family and marriage)
मुक्केबाज प्रीति के पिता का नाम सोमबीर सिंह (Sombir Singh) और मां शमीन देवी (Shamin Devi) है। माता और पिता दोनों ने ही प्रीति को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया और उनके खेल में रुचि होने का भी समर्थन किया प्रीति के पिता सोमवीर सिंह और माता शमीम देवी को गर्व है कि उनकी बेटी हरियाणा के साथ-साथ पूरे देश में नाम कमा रही है और देश का नाम भी रोशन कर रही है। और रही बात प्रीति की शादी की तो प्रीति अभी अविवाहित हैं।
प्रीति पवार का करियर (Preeti Pawar’s career)
भिवानी के एएसआई सोमवीर सिंह पवार की बेटी प्रीति पवार (Preeti Pawar) ने बॉक्सिंग में अपने करियर के शुरुआती दौर से ही कई उपलब्धियां हासिल की हैं। प्रीति ने वर्ष 2017 में बॉक्सिंग शुरू की और 2019 में स्कूल नेशनल में स्वर्ण पदक जीता। 2020 में खेलो इंडिया यूथ गेम्स गुवाहाटी में उन्होंने रजत पदक हासिल किया।
2021 में सोनीपत में हुए यूथ नेशनल चैंपियनशिप (Youth National Championship) में प्रीति ने स्वर्ण पदक जीता। इसी वर्ष यूथ एशियन चैंपियनशिप में 57 किलो भार वर्ग में रजत पदक भी उनके नाम रहा। 2022 में जॉर्डन में एशियन चैंपियनशिप में प्रीति ने कांस्य पदक अपने नाम किया। इसके अलावा 2022 में ही पंचकूला में आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स में भी उन्होंने स्वर्ण पदक जीता। सितंबर-अक्टूबर 2023 में हांगझोऊ (चीन) में एशियन गेम्स में 54 किलो भार वर्ग में प्रीति ने कांस्य पदक हासिल किया। इस जीत ने उन्हें 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने का मौका दिया। भिवानी की एक और बेटी मुक्केबाज जैस्मिन लंबोरिया भी ओलंपिक में हिस्सा लेंगी। प्रीति की इस सफलता पर उनके पिता एएसआई सोमवीर सहित पूरा परिवार और पुलिस विभाग गौरवान्वित है। एसपी हिमांशु गर्ग ने उनसे मुलाकात कर हौसला अफजाई की। प्रीति अब युवाओं खासकर लड़कियों के लिए एक रोल मॉडल बन चुकी हैं, जिन्होंने पढ़ाई के साथ खेल में भी शानदार प्रदर्शन किया है। 2024 ओलंपिक में पदक जीतने की तैयारी में जुटी प्रीति पर सबकी नजरें टिकी हैं।
प्रीति पवार की उपलब्धियां (Achievements of Preeti Pawar)
- 2013 में नेशनल स्कूल गेम्स में स्वर्ण पदक जीता।
- 2018 एशियाई युवा मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता[^3]।
- 2019 में स्कूल नेशनल में स्वर्ण पदक और 2020 में खेलो इंडिया यूथ गेम में रजत पदक जीता।
- 2021 में सोनीपत में हुए यूथ नेशनल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक और यूथ एशियन चैंपियनशिप में 57 किग्रा भारवर्ग में रजत पदक जीता।
- 2022 में जॉर्डन में आयोजित एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता।
- 2023 में हांग्जो, चीन में हो रहे 19वें एशियाई खेलों के सेमीफाइनल में पहुंचीं और कांस्य पदक पक्का किया। इस जीत से उन्होंने 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए भी क्वालीफाई कर लिया है।
प्रीति पवार के बारे में रोचक तथ्य (Interesting facts about Preeti Pawar)
- प्रीति ने 2017 में बॉक्सिंग की शुरुआत की और 2019 में स्कूल नेशनल में गोल्ड मेडल, 2020 में खेलो इंडिया यूथ गेम में रजत पदक जीता। 2021 में यूथ नेशनल चैंपियनशिप और एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण और रजत पदक हासिल किए।
- 2022 में जॉर्डन में आयोजित एशियन चैंपियनशिप में प्रीति ने कांस्य पदक जीता। हाल ही में स्टेट चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीता।
- एशियाड में क्वार्टर फाइनल में प्रीति ने कजाकिस्तान की खिलाड़ी को हराया। सेमीफाइनल में चीन की खिलाड़ी से कड़े मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा।
- साक्षी ढांडा के भारतीय सेना ज्वाइन करने के बाद अब प्रीति पवार हरियाणा का प्रतिनिधित्व करेंगी। प्रीति ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने पर हाल में सम्मानित की गईं, जो पुलिस विभाग के लिए गौरव की बात है।
निष्कर्ष
प्रीति (Preeti Pawar) का यह सफर हमें यह भी बताता है कि असफलता और मुश्किलें जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन इन्हें पार करके ही सच्ची सफलता प्राप्त की जा सकती है। उनकी कहानी हर युवा के लिए एक प्रेरणा है कि चाहे हालात कितने भी कठिन क्यों न हों, अगर हमारे इरादे मजबूत हों तो हम किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।
Frequently Asked Questions
प्रीति पवार (Preeti Pawar) भिवानी, हरियाणा के एएसआई सोमवीर पवार की बेटी हैं। वह एक प्रतिभाशाली मुक्केबाज हैं और भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं। प्रीति ने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीते हैं।
प्रीति ने हाल ही में सितंबर 2023 में चीन के हांगझोऊ में आयोजित एशियन गेम्स में 54 किग्रा भारवर्ग में कांस्य पदक जीता। इस जीत के साथ उन्होंने 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए भी क्वालीफाई कर लिया है।
प्रीति ने 2019 में स्कूल नेशनल में स्वर्ण पदक, 2020 में खेलो इंडिया यूथ गेम्स में रजत पदक, 2021 में यूथ नेशनल चैंपियनशिप और यूथ एशियन चैंपियनशिप में क्रमशः स्वर्ण और रजत पदक जीते हैं। 2022 में उन्होंने एशियन चैंपियनशिप और खेलो इंडिया यूथ गेम्स में कांस्य और स्वर्ण पदक हासिल किए।
प्रीति (Preeti Pawar) अब हरियाणा (Hariyana) का प्रतिनिधित्व इसलिए कर रही हैं क्योंकि उनसे पहले 54 किग्रा वर्ग में हरियाणा की ओर से खेलने वाली मुक्केबाज साक्षी ढांडा ने हाल ही में भारतीय सेना ज्वाइन कर ली है। साक्षी के सेना में जाने के बाद अब प्रीति हरियाणा का प्रतिनिधित्व करेंगी।
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