Lakshya Sen Biography in Hindi: Early Life, Family, Caste, Olympics 2024

Roshani Shakya
20 Min Read

Lakshya Sen Biography in Hindi: बैडमिंटन की दुनिया में भारत का नाम रोशन करने वाले युवा सनसनी लक्ष्य सेन ने अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत से 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है। महज 22 साल की उम्र में यह उपलब्धि हासिल करके लक्ष्य ने साबित कर दिया है कि आयु सिर्फ एक संख्या है और सपने साकार करने के लिए जुनून और लगन ही असली हथियार हैं।

एक मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले इस लड़के ने अपने संघर्ष और त्याग से बैडमिंटन जगत में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। बचपन से ही खेल के प्रति उनका लगाव और जुनून उन्हें अलग बनाता है। कई चुनौतियों और बाधाओं का सामना करते हुए भी लक्ष्य ने कभी हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य पर डटे रहे। आज वह भारत के शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक हैं और विश्व रैंकिंग में नंबर 6 पर काबिज हैं। उनके इस सफर में उनके कोच विमल कुमार का अहम योगदान रहा है जिन्होंने लक्ष्य की प्रतिभा को पहचाना और उन्हें सही दिशा दी। लक्ष्य के माता-पिता ने भी हर कदम पर उनका साथ दिया और उन्हें हर संभव सहयोग मुहैया कराया।

पेरिस ओलंपिक में पदक जीतने का सपना देख रहे लक्ष्य सेन के संघर्ष और सफलता की कहानी हर युवा के लिए प्रेरणा है। आइए जानते हैं लक्ष्य सेन का जीवन परिचय (Lakshya Sen Biography in Hindi) कैसे एक आम लड़के ने अपने सपनों के बल पर बैडमिंटन के ओलंपिक मंच तक का सफर तय किया…

लक्ष्य सेन का जीवन परिचय (Lakshya Sen Biography in Hindi)

नामलक्ष्य सेन 
जन्म16 अगस्त 2001
जन्म स्थानअल्मोडा, (उत्तराखंड)
आयु22 वर्ष 
पिता का नामधीरेन्द्र के सेन
माँ का नामनिर्मला सेन 
राशिसिंह राशि 
पुरस्कार2022 में बैडमिंटन के लिए अर्जुन पुरस्कार
कार्यबैडमिंटन खिलाड़ी 
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लक्ष्य सेन कौन हैं? (Who is Lakshya Sen?)

लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) भारतीय बैडमिंटन की नई पीढ़ी के चमकते सितारे हैं। अपने युवा करियर की शुरुआत से ही उन्होंने कई अभूतपूर्व उपलब्धियाँ अपने नाम की हैं। 2018 में एशियाई जूनियर चैंपियनशिप के एकल वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर वे विश्व जूनियर नंबर 1 बन गए। इसके अलावा, उन्होंने मिश्रित टीम टूर्नामेंट में भी स्वर्ण पदक प्राप्त किए। 2021 में विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक और 2022 के ऑल इंग्लैंड ओपन में उपविजेता बनने का गौरव हासिल किया। इसी वर्ष, उन्होंने थॉमस कप फाइनल में भारतीय टीम का हिस्सा बनकर और राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी योग्यता का लोहा मनवाया। 

लक्ष्य सेन का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा (Lakshya Sen Early Life and Education)

लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा उनकी अद्भुत खेल यात्रा की नींव हैं। 16 अगस्त 2001 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा में जन्मे लक्ष्य सेन का परिवार खेल से गहरा नाता रखता है। उनके पिता, डीके सेन, एक प्रतिष्ठित बैडमिंटन कोच हैं, जिन्होंने अपने बेटे को खेल के शुरुआती गुर सिखाए। लक्ष्य का बचपन अल्मोड़ा की सुंदर पहाड़ियों में बीता, जहां उन्होंने कम उम्र में ही बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था। 

लक्ष्य के खेल की यात्रा उनके परिवार के समर्थन और उनके पिता की कोचिंग से प्रारंभ हुई। उन्होंने अल्मोड़ा के स्थानीय बैडमिंटन क्लब में खेलना शुरू किया और जल्द ही उनकी प्रतिभा ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। लक्ष्य ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अल्मोड़ा में पूरी की, जहां उन्होंने खेल और पढ़ाई के बीच संतुलन बनाए रखा। अपनी शिक्षा के दौरान, लक्ष्य सेन ने बैडमिंटन के प्रति अपनी गहरी रुचि और समर्पण को बनाए रखा। उनके पिता ने उनकी प्रतिभा को देखते हुए उन्हें बैंगलोर स्थित प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी में दाखिला दिलाया। इस अकादमी में उन्हें पूर्व विश्व चैंपियन प्रकाश पादुकोण और 

अन्य अनुभवी कोचों के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण का मौका मिला। बचपन से ही लक्ष्य सेन ने अपने खेल और शिक्षा को एक साथ संतुलित किया। उन्होंने बैंगलोर के एक स्कूल से अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरी की, जहां स्कूल प्रशासन ने भी उनके खेल करियर को प्रोत्साहित किया। लक्ष्य की शिक्षा और प्रारंभिक खेल प्रशिक्षण ने उनके करियर की नींव मजबूत की, जिससे वे आगे चलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम हुए। 

लक्ष्य सेन का खेल करियर (Lakshya Sen’s Sports Career)

लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) ने 2016 में अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी छाप छोड़ी जब उन्होंने जूनियर एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद, 2018 में, उन्होंने जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल किया, जिससे उनका नाम उभरते सितारों में शुमार हो गया। उनकी सफलता का सिलसिला यहीं नहीं रुका; 2019 में, लक्ष्य ने सारलोरलक्स ओपन और डच ओपन जैसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंट्स में खिताब जीते।

उनकी मेहनत और प्रतिभा ने उन्हें 2020 में वर्ल्ड टूर फाइनल्स में प्रवेश दिलाया, जहाँ उन्होंने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया। लक्ष्य सेन की खेल शैली आक्रामक और तेज गति वाली है, जिससे वे अपने प्रतिद्वंद्वियों को दबाव में लाने में सफल रहते हैं। उनकी मजबूत स्मैश और उत्कृष्ट फुटवर्क ने उन्हें कई महत्वपूर्ण मुकाबलों में जीत दिलाई है। 2022 में, लक्ष्य सेन ने ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन किया और फाइनल में पहुंचे, जो उनके करियर की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि रही। इसके अलावा, उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भी स्वर्ण पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया। उनकी इस सफलता ने भारतीय बैडमिंटन को एक नई दिशा दी और देशभर में बैडमिंटन के प्रति उत्साह बढ़ाया। लक्ष्य सेन की इस सफलता का सबसे बड़ा श्रेय उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और उनके परिवार के समर्थन को जाता है। उनके कोच विमल कुमार और भारतीय बैडमिंटन संघ (BAI) का भी महत्वपूर्ण योगदान है, जिन्होंने उन्हें उचित प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध कराए।

2024 पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना लक्ष्य सेन के करियर का एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस उपलब्धि ने उन्हें भारतीय खेल जगत में एक प्रमुख स्थान दिलाया है। उनके इस सफर ने न केवल उन्हें बल्कि लाखों युवा बैडमिंटन खिलाड़ियों को प्रेरित किया है, जो उनके नक्शेकदम पर चलना चाहते हैं। पेरिस ओलंपिक में लक्ष्य सेन से भारत को बड़ी उम्मीदें हैं और पूरा देश उनके शानदार प्रदर्शन की कामना कर रहा है।

लक्ष्य सेन का सफर इस बात का प्रमाण है कि दृढ़ संकल्प, मेहनत और सही मार्गदर्शन से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। उनके इस उत्कृष्ट करियर ने उन्हें भारतीय बैडमिंटन के इतिहास में एक विशेष स्थान दिलाया है, और वे आने वाले वर्षों में और भी ऊँचाइयों को छूने के लिए तैयार हैं।

लक्ष्य सेन का परिवार और शादी (Lakshya Sen Family and Marriage)

लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) के जीवन में उनके माता-पिता का अहम योगदान है। उनके पिता, डीके सेन, एक जाने-माने बैडमिंटन कोच हैं, जिन्होंने लक्ष्य को इस खेल के प्रति प्रेरित किया और उनके शुरुआती कोच भी रहे। डीके सेन ने अपने बेटे को खेल की बारीकियों से अवगत कराया और उनकी प्रतिभा को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लक्ष्य की माँ, निर्मला सेन, एक अध्यापिका हैं, जिन्होंने हमेशा अपने बेटे का मनोबल ऊँचा रखा और परिवार की देखभाल करते हुए लक्ष्य के सपनों को साकार करने में समर्थन दिया। लक्ष्य सेन का परिवार उत्तराखंड के अल्मोड़ा में रहता है, जहाँ उन्होंने अपना बचपन बिताया और शुरुआती प्रशिक्षण प्राप्त किया। उनके माता-पिता ने अपने बेटे के करियर को संवारने के लिए बहुत मेहनत की और उनके हर निर्णय में उनका समर्थन किया। लक्ष्य के परिवार ने उन्हें बैंगलोर स्थित प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी में दाखिला दिलवाया, जहाँ उन्हें विश्व स्तरीय प्रशिक्षण मिला।

जहाँ तक लक्ष्य सेन की वैवाहिक स्थिति का सवाल है, लक्ष्य सेन अविवाहित हैं। अभी उनका पूरा ध्यान अपने बैडमिंटन करियर पर केंद्रित है और वे पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के लिए पदक जीतने की तैयारी कर रहे हैं। 

लक्ष्य सेन की प्रमुख उपलब्धियां (Major Achievements of Lakshya Sen)

लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) की बैडमिंटन करियर में कई प्रमुख उपलब्धियां हैं जो उन्हें भारतीय बैडमिंटन के शीर्ष खिलाड़ियों में शुमार करती हैं। यहाँ उनकी पांच प्रमुख उपलब्धियों को विस्तार से बताया गया है:

  • जूनियर एशियाई चैंपियनशिप 2016: लक्ष्य सेन ने 2016 में जूनियर एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस टूर्नामेंट में उनकी शानदार खेल शैली ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई और उन्हें एक उभरते सितारे के रूप में स्थापित किया।
  • जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप 2018: 2018 में, लक्ष्य सेन ने जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक जीता। इस उपलब्धि ने उनके करियर को एक नई ऊँचाई पर पहुँचाया और उन्हें भविष्य के संभावित चैंपियन के रूप में पहचान मिली। उनकी इस सफलता ने भारतीय बैडमिंटन को गर्व का क्षण दिया।
  • सारलोरलक्स ओपन 2019: 2019 में लक्ष्य सेन ने सारलोरलक्स ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट में जीत हासिल की। यह जीत उनके करियर की एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई और उन्होंने इस टूर्नामेंट में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया।
  • ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप 2022: 2022 में लक्ष्य सेन ने प्रतिष्ठित ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाई। यह उनकी करियर की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी, जिसने उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रमुख खिलाड़ियों में शामिल किया।
  • कॉमनवेल्थ गेम्स 2022: 2022 में लक्ष्य सेन ने कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया। उनकी इस जीत ने भारतीय बैडमिंटन को एक नई पहचान दिलाई और उन्हें देशभर में एक हीरो बना दिया। इस उपलब्धि ने उनके करियर को और मजबूती प्रदान की और उनकी प्रतिभा को साबित किया।

लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) की ये प्रमुख उपलब्धियां उनके कठिन परिश्रम, समर्पण और उत्कृष्ट खेल कौशल का परिणाम हैं, जिन्होंने उन्हें भारतीय बैडमिंटन का चमकता सितारा बनाया है।

लक्ष्य सेन के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts About Lakshya Sen)

लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) के जीवन और करियर में कई रोचक तथ्य हैं जो उनके व्यक्तित्व और खेल के प्रति समर्पण को दर्शाते हैं। यहाँ पांच प्रमुख रोचक तथ्यों को विस्तार से बताया गया है:

  • खेल परिवार से ताल्लुक: लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) का जन्म एक खेल परिवार में हुआ था। उनके पिता, डीके सेन, एक बैडमिंटन कोच हैं, और उनके बड़े भाई, चिराग सेन, भी एक बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। इस खेल परिवार के माहौल ने लक्ष्य को बचपन से ही बैडमिंटन के प्रति गहरी रुचि और समर्पण विकसित करने में मदद की। पिता के मार्गदर्शन और भाई की प्रतिस्पर्धा ने लक्ष्य को बैडमिंटन में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।
  • प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी में प्रशिक्षण: लक्ष्य सेन को उनके पिता ने बैंगलोर स्थित प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी में दाखिला दिलाया, जहाँ उन्हें पूर्व विश्व चैंपियन प्रकाश पादुकोण और अन्य अनुभवी कोचों से प्रशिक्षण का मौका मिला। इस अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद लक्ष्य के खेल में महत्वपूर्ण सुधार हुआ और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
  • तीन टूर्नामेंट जीतने की अनोखी उपलब्धि: 2019 में लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) ने एक ही वर्ष में सारलोरलक्स ओपन, डच ओपन और बेल्जियम इंटरनेशनल जैसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंट्स जीते। एक ही साल में तीन प्रमुख खिताब जीतने की यह उपलब्धि उनकी क्षमता और कठिन परिश्रम का परिणाम है, जिसने उन्हें विश्व के शीर्ष युवा खिलाड़ियों में शामिल किया।
  • 2020 वर्ल्ड टूर फाइनल्स में भागीदारी: लक्ष्य सेन ने 2020 में बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर फाइनल्स में अपनी जगह बनाई, जो केवल शीर्ष 8 खिलाड़ियों को ही खेलने का मौका मिलता है। इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में उनका प्रदर्शन शानदार रहा और उन्होंने अपने खेल कौशल से सभी को प्रभावित किया।
  • 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई: लक्ष्य सेन ने अपने अद्वितीय खेल और कड़ी मेहनत के बल पर 2024 पेरिस ओलंपिक (2024 Paris Olympic) के लिए क्वालीफाई किया। यह उनकी करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है और उनके अथक परिश्रम का प्रमाण है। यह उपलब्धि उन्हें भारतीय बैडमिंटन के इतिहास में एक विशेष स्थान दिलाती है और उन्हें एक प्रेरणास्रोत बनाती है।

लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) की ये रोचक तथ्य उनके जीवन संघर्ष, खेल के प्रति समर्पण और उत्कृष्टता प्राप्त करने की उनकी दृढ़ इच्छा को दर्शाते हैं। उनके करियर की यह कहानी न केवल प्रेरणादायक है बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए एक मिसाल भी है।

Lakshya Sen Caste

अगर हम बात करे लक्ष्य सेन की कास्ट की तो उनके नाम से ही कोई भी आसानी सी उनकी कास्ट बता सकता है, लक्ष्य सेन बंगाली (Bengali) जाती के है।

Lakshya Sen Olympics 2024 Performance

1st Match:

लक्ष्य सेन ने अपने ओलंपिक्स 2024 का शुरुवाती मैच 27 जुलाई को Guatemala इस देश के Kevin Cordón से खेला थी जिसमे पहले सेट में लक्ष्य ने आसानी से लिड प्राप्त की थी और दूसरे सेट में भी आसानी से लिड हासिल करके इस मैच में आसानी से जित हासिल कर ली।

2nd Match:

लक्ष्य का दूस रा मैच 29 जुलाई को Belgium के Julien Carraggi से हुआ था इस मैच में बह लक्ष्य ने शुरुवाती दोनों सेट में आसानी से जित हासिल कर ली।

3rd Match:

लक्ष्य का ओलंपिक्स का तीसरा मैच 31 जुलाई को Indonesia के Jonatan Christie से हुआ था, इस मैच में भी लक्ष्य ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पहले 2 सेट में ही आसानी से इस मैच में भी जित हासिल कर ली।

4th Match:

उनका चौथा मैच 1 ऑगस्ट को हमारे भारतीय खिलाडी एच.एस प्रणॉय के साथ ही हुआ। इस मुकाबले में भी लक्ष्य की तरफ से बोहत ही शानदार प्रदर्शन देखने मिला, और लक्ष्य सेन ने आसानी से पहले 2 सेट जीतकर मैच में जित हासिल कर ली। और इस मैच के बाद लक्ष्य ने क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह बना ली।

5th Match:

2 ऑगस्ट को लक्ष्य का क्वार्टर फाइनल का मुकाबला खेला गया, जिसमे लक्ष्य ने Chinese Taipei के Chou Tien-chen से यह मुकाबला खेला, और इस मुकाबले में काटे की टक्कर देखने मिली। पहले सेट में बोहत ही काटे की टक्कर देखने मिली जिसमे Chinese Taipei के Chou Tien-chen ने यह सेट जित लिया और लक्ष्य के ऊपर प्रेशर बनाया। पर लक्ष्य ने जो वापसी की उससे सभी भारतीयों को लक्ष्य पर गर्व महसूस होने लगा है, लक्ष्य ने अगले दो सेट में आसानी से जित हासिल कर ली और सेमि फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली। और भारत के लिए ओलंपिक्स में पहली बार सेमि फाइनल तक पोहोचने वाले पहले खिलाडी बने।

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निष्कर्ष 

लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) का सफर दृढ़ संकल्प और अद्वितीय खेल कौशल का प्रमाण है। पेरिस ओलंपिक के लिए उनकी क्वालीफिकेशन ने उन्हें भारतीय खेल जगत में एक प्रमुख स्थान दिलाया है। उनकी कहानी न केवल एक खिलाड़ी की सफलता की गाथा है, बल्कि संघर्ष, मेहनत और अनुशासन की मिसाल भी है। लक्ष्य सेन ने साबित कर दिया है कि सच्चे प्रयास और समर्पण से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उनके इस प्रेरणादायक सफर को देख कर, निश्चय ही भारत के लाखों युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।

Frequently Asked Questions

लक्ष्‍य सेन का शुरुआती जीवन और बैडमिंटन से जुड़ने की कहानी क्या है?

लक्ष्य सेन का जन्म 16 अगस्त 2001 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा में हुआ। उनके पिता डीके सेन एक बैडमिंटन कोच हैं, जिन्होंने लक्ष्य को खेल के शुरुआती गुर सिखाए। कम उम्र में ही लक्ष्य ने बैडमिंटन में अपनी रुचि दिखाई और अपने परिवार के समर्थन से इस खेल में करियर बनाने का फैसला किया।

लक्ष्य सेन के करियर की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि क्या है?

2022 में, लक्ष्य सेन ने ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में पहुंचे। इस प्रदर्शन ने उन्हें विश्व के शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ियों में शामिल किया और उनकी प्रतिभा को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई।

लक्ष्य सेन का 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना क्यों महत्वपूर्ण है?

2024 पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना लक्ष्य सेन के करियर का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह उपलब्धि उनके अथक परिश्रम और समर्पण का परिणाम है और इससे भारतीय बैडमिंटन के प्रति उनके योगदान को भी मान्यता मिली है।

साथियों उम्मीद है की आपको लक्ष्य सेन का जीवन परिचय (Lakshya Sen Biography in Hindi) की यह जानकारी पसंद आयी होगी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी है तो हमें कमेंट करके जरूर बताना।

roshni writer

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम रोशनी शाक्या है और मैंने पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है।, मैं इस ब्लॉग की लेखिका हूं और इस वेबसाइट के माध्यम से योजना समाचार, बायोग्राफी और सरकारी योजनाओं से संबंधित सभी जानकारी साझा करती हूं। ताकि आपको सही और सटीक जानकारी प्राप्त हो सके।

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