होली क्यों मनाई जाती है? जानिए क्या है इससे जुडी पूरी कहानी

Pankaj Pandey
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हम हिन्दू धर्म में कई सारे त्यौहार मानते है, पर कुछ ही गिने चुने लोगों को इन त्योहारों के बारे में पता होता है, और कुछ इसी तरह होलि का त्यौहार भी है। अगर आप यह आर्टिकल पढ़ रहे है, इसका मतलब है की आपको भी होली क्यों मनाई जाती है, इसके बारे में जानकारी नहीं होगी। पर अब चिंता करने की कोई बात नहीं, क्यूंकि बस आने वाले कुछ ही मिनटों में आप होली क्यों मनाई जाती है, और इसके पीछे क्या वजह है, यह सब कुछ जान जाओगे। तो चलिए इस लेख को शुरू करते है और होली मानाने का राज का है इसके बारे में जानते है।

होली जिसे रंगो का त्यौहार के रूप में भी माना जाता है, यह एक खुशहाली का त्यौहार हे, यह उन त्योहारों में से एक है जिसे आज भी उसी जोश और जल्लोष के साथ मनाया जाता है, जैसे कुछ सालों पहिले मनाया जाता था। यह त्यौहार फाल्गुनी पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो हमेशा फरवरी या फिर मार्च के महीने में पड़ता है। और इसके पीछे धार्मिक वजह है। होली मानाने से जुडी एक धार्मिक कथा है, तो सबसे पहिले हम उस कथा को जान लेते है।

होली क्यों मनाई जाती है?

यह कथा है हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद की, राजा हिरण्यकश्यप अपने आपको सबसे अच्छा मानता था, वह अपने आपको भगवान् से भी बढ़कर मानता था। और वह चाहता था की सभी लोग उसी की पूजा करे, पर उसका अपना पुत्र प्रह्लाद भगवन विष्णु का बोहत ही बड़ा भक्त था। इस बात से हिरण्यकश्यप काफी क्रोधित हो चूका था, और अपनी बहन होलिका के संग पुत्र प्रल्हाद को जान से मारने की साजिश रचता है। होलिका को वरदान में एक ऐसा वस्त्र मिला था जिसे पहनकर अगर वह आग में बैठे तो, उसे आग भी नहीं जला सकती थी। हिरण्यकश्यप ने होलिका से प्रल्हाद को अपने संग आग में लेकर बैठने की साजिश बनायीं, और कुछ इसी तरह हुआ, होलिका प्रल्हाद को लेकर आग में बैठ गयी और होलिका के पास जो वस्त्र था वह प्रल्हाद पर आगया और होलिका उस आग में जल गयी। और इसके बाद भगवान् विष्णु ने अपना नरसिंह अवतार धारण करके हिरण्यकश्यप का वध कर दिया। और इसी कहानी के तहत होलिका दहन की शुरुवात हुई।

होली मात्र धार्मिक महत्व नहीं रखती बल्कि होली के बाद ऋतु परिवर्तन भी देखने मिलता है, सर्दियों के बाद वसंत ऋतु का आगमन भी होली के त्यौहार के बाद ही होता है। वसंत ऋतु आते ही खेतों में नई फसलें आने लगती है, और पेड और पौधे नए सिरे से फलने-फूलने लगते हैं। और इसलिए होली का त्यौहार सभी के लिए खुशियों का त्यौहार भी माना जाता है।

होली एक ऐसा त्यौहार हे जिसमे सभी एक दूसरे के साथ ऐसे घुल मिल जाते है की आपके सभी के साथ अपनापन महसूस होगा, भले ही आप एक दूसरे के दोस्त हो या दुश्मन।

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दोस्तों मेरा नाम पंकज पांडे है। में एक आर्ट्स का स्टूडेंट हूँ। मेने मेरे पिताजी से एस्ट्रोलॉजी, भविष्यवाणी जैसी चीजे सीखी है। और इस न्यूज़ वेबसाइट पर में राशिफल और वास्तु शास्त्र से जुड़े आर्टिकल लिखता हूँ। मुझे इस तरह की जानकारी लोगों के साथ शेयर करना काफी अच्छा लगता है।

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