Reetika Hooda Biography in Hindi: रितिका हुड्डा (Reetika Hooda) – एक नाम जो आज भारत के हर घर में गूंज रहा है। हरियाणा की इस 21 वर्षीय पहलवान ने देश का नाम रोशन करते हुए पेरिस ओलंपिक 2024 (Paris Olympic 2024) के लिए क्वालीफाई कर लिया है। महिला कुश्ती के 76 किलोग्राम वर्ग में टिकट हासिल करने वाली रितिका पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई हैं। लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था।
रितिका (Reetika Hooda) के इस सफलता की कहानी दरअसल उनके संघर्ष, लगन और जुनून की दास्तान है। एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मी रितिका ने बचपन से ही खेलों में रुचि दिखाई। लेकिन एक लड़की के लिए कुश्ती जैसे खेल को अपना करियर बनाना आसान नहीं था। समाज की रूढ़िवादी सोच और लैंगिक भेदभाव के बीच रितिका ने अपने सपनों के पंख लगाए। अपने माता-पिता के सहयोग और प्रोत्साहन से रितिका ने कुश्ती सीखी और कड़ी मेहनत कर खुद को साबित किया। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीते। लेकिन ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना उनका अंतिम लक्ष्य था। और आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई। रितिका की यह उपलब्धि सिर्फ उनकी निजी जीत नहीं, बल्कि हर भारतीय लड़की के लिए प्रेरणा है। वह साबित करती हैं कि सपने देखने और उन्हें पूरा करने के लिए लिंग कोई बाधा नहीं। रितिका की कहानी हमें सिखाती है कि मेहनत और दृढ़ संकल्प के आगे कोई चुनौती टिक नहीं सकती।
आइए, रितिका हुड्डा का जीवन परिचय (Reetika Hooda Biography in Hindi) और उनके संघर्ष और सफलता के सफर को विस्तार से जानें…
रितिका हुड्डा का जीवन परिचय (Reetika Hooda Biography in Hindi)
नाम | रीतिका हुड्डा |
जन्म | 30 जून , 2002 |
जन्म स्थान | रोहतक, हरियाणा |
आयु | 22 वर्ष |
पिता का नाम | जगबीर हुड्डा |
माँ का नाम | नीलम हुड्डा |
राशि | जानकारी उपलब्ध नहीं है |
पुरस्कार | स्वर्ण पदक विजेता विश्व अंडर 23 चैंपियनशिप, तिराना (76 किग्रा) (2023) |
कार्य | पहलवान |
रीतिका हुडा कौन हैं? (Who is Reetika Hooda?)
हरियाणा (Haryana) की भारतीय महिला पहलवान, रीतिका हुडा (Reetika Hooda), ने अपनी अद्भुत प्रतिभा और मेहनत से कुश्ती की दुनिया में अपना नाम रोशन किया है। मिस्र में 2023 की इब्राहिम मुस्तफ़ा कुश्ती रैंकिंग सीरीज़ में उन्होंने महिलाओं की 72 किलोग्राम स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर अपनी क्षमता का परिचय दिया। इसके अलावा, रीतिका (Reetika Hooda) ने एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप 2023 में भी कांस्य पदक हासिल कर अपनी जीत की लय को बरकरार रखा। उनकी ये उपलब्धियाँ न केवल उनकी व्यक्तिगत जीत हैं, बल्कि देश के लिए गर्व का विषय भी हैं।
रीतिका हुडा का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा (Early Life and Education of Ritika Hooda)
पेरिस ओलंपिक (Paris Olympic) का काउंटडाउन शुरू हो चुका है और अब महज एक महीने से भी कम समय बाकी है। इस बार भी देश को अपनी महिला पहलवानों से बड़ी उम्मीदें हैं, जिनमें 76 किलोग्राम भार वर्ग में रोहतक के खरकड़ा गांव की रितिका हुड्डा का नाम अग्रणी है।
रितिका ने आठ साल पहले जब कुश्ती के मैदान में कदम रखा था, तो शायद ही किसी ने सोचा होगा कि वह इतनी जल्दी ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। आज, यह सपना साकार होते देख उनके परिवार और कोच की खुशी का ठिकाना नहीं है। रितिका की मां नीलम और कोच मनदीप बताते हैं कि कैसे उनकी बेटी ने अपनी मेहनत और जुनून से खेल को सींचा है, और यही समर्पण उन्हें ओलंपिक की राह पर ले गया। रितिका की पिछली मुकाबलों की बात करें तो वह मैट पर अपने प्रतिद्वंद्वियों को एकतरफा शिकस्त देने के लिए जानी जाती हैं। उनकी इस खासियत ने उनके परिवार और कोच को यह विश्वास दिलाया है कि वह ओलंपिक से मेडल जीतकर लौटेंगी। रितिका की संघर्ष यात्रा और खेल के प्रति उनकी संजीदगी ने पूरे देश को गर्वित होने का अवसर दिया है।
रीतिका हुडा का खेल करियर (Sports Career of Ritika Hooda)
भारतीय पहलवान रीतिका हुड्डा (Reetika Hooda) ने अपने कुश्ती करियर में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। वे फ्रीस्टाइल कुश्ती में भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं और विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपने देश का नाम रोशन कर चुकी हैं। 2023 में उन्होंने एशियाई चैंपियनशिप में 72 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता। इस सफलता के बाद उन्होंने 2023 में तिराना, अल्बानिया में आयोजित विश्व अंडर-23 चैंपियनशिप में 76 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। रीतिका ने 2024 एशियाई कुश्ती ओलंपिक क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट में भी हिस्सा लिया, जो कि बिश्केक, किर्गिस्तान में आयोजित हुआ था। इस प्रतियोगिता में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत के लिए 2024 पेरिस ओलंपिक में कोटा स्थान हासिल किया।
इन उपलब्धियों के साथ, रीतिका हुड्डा भारतीय कुश्ती में एक उभरता हुआ सितारा हैं, और उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है। आगामी पेरिस ओलंपिक में उनकी उपस्थिति भारतीय कुश्ती प्रशंसकों के लिए एक बड़ी उम्मीद है।
रीतिका हुड्डा का परिवार और शादी (Reetika Hooda Family and Marriage)
रीतिका हुड्डा (Reetika Hooda) का जन्म हरियाणा के रोहतक जिले में हुआ था। उनके पिता जगबीर सिंह एक किसान हैं और उनकी माँ नीलम एक गृहिणी हैं। अगर रीतिका हुड्डा के वैवाहिक जीवन की बात करें तो रीतिका हुड्डा अभी अविवाहित हैं और इस समय उनका पूरा ध्यान खेल जगत में नाम कमाने का है और पेरिस ओलंपिक 2024 में स्वर्ण पदक जीतने का है।
रीतिका हुड्डा की प्रमुख उपलब्धियां (Major achievements of Ritika Hooda)
रीतिका हुड्डा (Reetika Hooda) की प्रमुख उपलब्धियां कुछ इस प्रकार हैं-
- 2015 में कुश्ती की शुरुआत: रीतिका ने 2015 में रोहतक के छोटू राम अकादमी में कुश्ती में कदम रखा। यह उनके करियर का महत्वपूर्ण मोड़ था, जहां से उन्होंने अपने सपनों की ओर कदम बढ़ाना शुरू किया।
- पेरिस 2024 ओलंपिक के लिए क्वालीफाई: रीतिका ने 2024 के पेरिस ओलंपिक के लिए 76 किलोग्राम वर्ग में क्वालीफाई किया। यह उपलब्धि उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन और मेहनत का परिणाम है।
- 68 किलोग्राम और 72 किलोग्राम में प्रतिस्पर्धा: रीतिका ने शुरुआत में 68 किलोग्राम वर्ग में कुश्ती की और बाद में 72 किलोग्राम में दो साल तक प्रतिस्पर्धा की, जहां उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में सफल प्रदर्शन किया।
- कोचिंग और स्कॉलरशिप: चंडीगढ़ विश्वविद्यालय से उन्हें 12,000 रुपये की सहायता मिलती है, जो उनके कोचिंग और विशेष आहार की व्यवस्था करती है। इसके अलावा, उन्हें मासिक 2000 रुपये की स्कॉलरशिप भी मिलती है।
- साक्षी मलिक से प्रेरणा: रीतिका ने साक्षी मलिक को 2016 में ओलंपिक पदक जीतते हुए देखा और इससे प्रेरित होकर उन्होंने ओलंपिक में सफलता पाने का लक्ष्य बनाया।
रीतिका हुड्डा के बारे में रोचक तथ्य (Interesting facts about Ritika Hooda)
रीतिका हुड्डा (Reetika Hooda) के बारे में रोचक तथ्य कुछ इस प्रकार हैं-
- स्कूल की हैंडबॉल टीम: रीतिका को एक बार अपनी स्कूल की हैंडबॉल टीम के लिए चुना गया था, लेकिन उनके पिता ने भाग लेने की अनुमति नहीं दी। इसके परिणामस्वरूप, उन्होंने स्कूल बदल दिया।
- चिकन से नफरत: रीतिका ने एक बार कहा था कि उन्हें चिकन खाना पसंद नहीं है, लेकिन अपनी तैयारी के लिए प्रोटीन की जरूरत को ध्यान में रखते हुए उन्होंने इसे खाना स्वीकार किया।
- नाना का समर्थन: रीतिका (Reetika Hooda) के नाना भी एक फ्रीस्टाइल पहलवान थे और उन्होंने उनके कुश्ती करियर में महत्वपूर्ण समर्थन और मार्गदर्शन प्रदान किया।
- टीम खेल के बजाय व्यक्तिगत खेल: रीतिका के पिता ने उन्हें टीम खेल की बजाय व्यक्तिगत खेल, जैसे कुश्ती, चुनने के लिए प्रेरित किया। इससे उनकी खेल शैली और प्रतिस्पर्धी मानसिकता विकसित हुई।
- कुश्ती में कॅरियर की शुरुआत: रीतिका (Reetika Hooda) ने 68 किलोग्राम वर्ग में कुश्ती शुरू की और बाद में 72 किलोग्राम वर्ग में प्रतिस्पर्धा की। अब, उन्होंने 76 किलोग्राम वर्ग में भी अपना स्थान बना लिया है।
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निष्कर्ष
रीतिका हुड्डा (Reetika Hooda) की सफलता की कहानी उनके संघर्ष और दृढ़ संकल्प की मिसाल है। प्रारंभिक जीवन से लेकर 76 किलोग्राम वर्ग में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने तक, उन्होंने अपने सपनों को साकार करने के लिए असीम प्रयास किए। उनका कठिन प्रशिक्षण, परिवार का समर्थन और खेल के प्रति समर्पण ने उन्हें एक उत्कृष्ट पहलवान बना दिया। 2024 पेरिस ओलंपिक में उनकी उपस्थिति भारतीय खेल जगत के लिए गर्व की बात है और उनकी प्रेरणादायक यात्रा आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
Frequently Asked Questions
रीतिका हुड्डा (Reetika Hooda) ने 2023 एशियाई चैंपियनशिप में 72 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता।
रीतिका हुड्डा (Reetika Hooda) ने 2023 विश्व अंडर-23 चैंपियनशिप में 76 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता।
2024 एशियाई कुश्ती ओलंपिक क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट बिश्केक, किर्गिस्तान में आयोजित हुआ था।
साथियों उम्मीद है की रितिका हुड्डा का जीवन परिचय (Reetika Hooda Biography in Hindi) की यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी, अगर आपको यह जानकरी अच्छी लगी है तो हमें कमेंट करके जरुर बताना।
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